Thursday, April 18, 2013


जिंदगी एक जलती सिगारेट है.
एन्जोय करो ,
वर्ना जल तो राही है ,
खतम तो वैसे भी हो जायेगी ..........



आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा 
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा 
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला 
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा`


वो मेरी किस्मत ,मेरी तकदीर हो गई 
हमने उनकी याद मे इतने खत लिखे 
वह रद्दी बेचकर ही अमीर हो गई 
जयबीर




जिंदगी इक आइस्क्रीम की तरह है यदि टेस्ट करोगे तो भी पिघलेगी!
वेस्ट करोगे तो भी पिघलेगी !
इसलिए आप जिंदगी को वेस्ट नही कर टेस्ट करेगे तो अच्छा होगा




शक... शक.. एक लाइलाज रोग है...
जब आपकी इमानदारी पर शक हो तो रिश्‍ते को फिर से संवारने के बजाए
इस खूबसूरत सफर का अंत इसी मोड पर कर देने में भलाई है 
ताकि चैन व सकून जिंदगी में बनी रहे

अन्तर्मन के चक्षु बाह्य नेत्रों से भी अधिक प्रबल है।




सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिन्ता से पल भर में थक जाता है

क्रोध से मूढ़ता उत्पन्न होती है, मूढ़ता से स्मृति भ्रांत हो जाती है, स्मृति भ्रांत हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता है और बुद्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है। 


जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!

कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
बचपन की यादों को हमेशा याद रखना भी - अपने को खुशियो से सरोबोर करने जैसा है
जयबीर 


काश कोई हम पर प्यार जताता
हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता
हम जब पूछते कौन हो तुम
मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता।

ये दिल इतना नादान क्यों है?


गुलशन है अगर सफर जिंदगी का, तो इसकी मंजिल शमशान क्यों है ?
जब जुदाई है प्यार का मतलब,  तो फिर प्यार करने वाला हैरान क्यों है?
अगर जीना ही है मरने के लिए, तो जिंदगी ये वरदान क्यों है?
जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,
आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है?

जयबीर