Friday, June 1, 2012

माँ बाप के जैसा दुनिया में कोई अनमोल नहीं

गाय ने बछिया जनी तो घर के बने पहले देसी घी की मिठाई और पराँठे लेकर माँ-बाप बिना बताए शहर के कॉलेज में पढ़ रहे बेटे को खिलाने उसके हॉस्टल जा पहुँचे।
उन्हें सीधे-साधे कपड़ो में देख कर एक उस लड़के की एक दोस्त ने नाक-भौं सिकोड़ते हुए लड़के से पूछा-"ये कौन लोग हैं?"
लड़के ने कहा -"They are the servants from my village."
माँ-बाप की आँखों में ख़ुशी के आंसू आ गए...
क्योंकि उनका बेटा अब अंग्रेजी बोलना सीख गया था।
जयबीर 
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"माँ का दिल"
एक बेटे ने अपनी आत्मकथा में अपनी माँ के बारे में लिखा ;कि उसकी माँ की केवल एक आँख थी
इस कारण वह उस से नफ़रत करता था एक दिन उसके एक दोस्त ने उस से आ कर कहा कि अरे
तुम्हारी माँ कैसी दिखती है ना एक ही आँख में ? यह सुन कर वो शर्म से जैसे
ज़मीन में धंस गया .....दिल किया यहाँ से कही भाग जाए , छिप जाए और उस दिन उसने अपनी
माँ से कहा की ....यदि वो चाहती है, की दुनिया में मेरी कोई हँसी ना उड़ाए
तो वो यहाँ से चली जाए !,माँ ने कोई उतर नही दिया वह इतना गुस्से
में था कि एक पल,को भी नही सोचा की उसने माँ से क्या कह
दिया है और यह सुन कर उस पर,क्या गुज़री होगी ! .....
कुछ समय बाद उसकी पढ़ाई खत्म, हो गयी ,अच्छी नौकरी लग गई और उसने ने
शादी कर ली ,एक घर भी खरीद, लिया फिर उस के बच्चे भी हुए !एक दिन
माँ का दिल नही माना वो सब खबर, तो रखती थी अपने बेटे के बारे में और वो उन
से मिलने को चली गयी..... उस के पोता पोती उसको देख के पहले डर गए फिर
ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे....... बेटा यह देख के चिल्लाया की तुमने कैसे हिम्मत
की यहाँ आने की मेरे बच्चो को डराने की और वहाँ से जाने को कहा |
माँ ने कहा की शायद मैं ग़लत पते पर आ गई हूँ मुझे अफ़सोस है और वो यह कह के वहाँ से चली गयी!
एक दिन पुराने स्कूल से पुनर्मिलन समरोह का एक पत्र आया बेटे ने सोचा की चलो सब
से मिल के आते हैं !वो गया सबसे मिला ,यूँ ही जिज्ञासा हुई कि देखूं माँ है
की नही अब भी पुराने घर में वो वहाँ गया ..वहाँ जाने पर
पता चला की अभी कुछ दिन पहले ही उसकी माँ का देहांत हो गया है
यह सुन के भी बेटे की आँख से एक भी आँसू नही टपका...तभी एक पड़ोसी ने कहा की वो एक पत्र दे गयी है तुम्हारे लिए .....पत्र में माँ ने
लिखा था कि --
""मेरे प्यारे बेटे मैं हमेशा तुम्हारे बारे में ही सोचा करती थी और सदा तुम कैसे हो ?
कहाँ हो ? यह पता लगाती रहती थी........ उस दिन मैं तुम्हारे घर में तुम्हारे
बच्चो को डराने नही आई थी .....बस रोक नही पाई उन्हे देखने से .....इस लिए आ
गयी थी, :( मुझे बहुत दुख है की मेरे कारण  तुम्हे हमेशा ही एक हीन भावना रही पर
इस के बारे में मैं तुम्हे एक बात बताना चाहती हूँ की जब तुम बहुत छोटे थे
तो तुम्हारी एक आँख एक दुर्घटना में चली गयी .....अब मै माँ होने के नाते कैसे
सहन करती कि मेरा बेटा अंधेरे में रहे इस लिए मैने अपनी एक आँख तुम्हे दे दी और
हमेशा यह सोच के गर्व महसूस करती रही की अब मैं अपने बेटे की आँख से
दुनिया देखूँगी और मेरा बेटा अब पूरी दुनिया देख पाएगा उसके जीवन में
अंधेरा नही रहेगा ...
..सस्नेह
"तुम्हारी माँ "
माँ का दिल माँ का होता है जो वो नहीं कर पायी वो उससे जायदा उम्मीद अपने बच्चों में होना देखना चाहती है
जयबीर

Thursday, April 19, 2012

एक मुलाकात से महसूस होता है ऐसे
मेरे सपनो की गलियों में कही
मेरी मंजिल की रह देख रहा हो जैसे
कभी कोई ख्याल आता है उसका
मेरे दिल को छू जाता है ऐसे
उनसे मिलने की आस जगी हो जैसे