Friday, January 15, 2010

आँसू



बहते हैं तो बहने दो हर दर्द का इलाज़ हैं, ये आँसू
जो होंठों से न निकल सके दिल की वो आवाज़ हैं, ये आँसू
आँखों में ना छुपा के रखो, जीने की नई आस हैं, ये आँसू
पानी के चंद कतरे नहीं, समुंदर का एहसास हैं, ये आँसू
छ्लक कर कहते हैं कि आखरी नहीं होती कोई हार, ये आँसू
जीत की इक नई लड़ाई के लिए करते हैं तैयार, ये आँसू
आँखों में जमे, जज़्बातों कि लौ से जब पिघलते हैं, ये आँसू
दुखों को संग बहा ले जाने को तब निकलते हैं, ये आँसू
चीर कर अंधेरों को, उम्मीद क़ी रोशनी जगाते हैं, ये आँसू
जिंदगी के दिए ज़ख़्मों पर मरहम सा लगाते हैं, ये आँसू
खुशी से जब आँखों में भर आते हैं, ये आँसू
हर मुस्कुराहट पर भारी नज़र आते हैं, ये आँसू
बूँद नहीं हैं ये पानी क़ी, जीने का अरमान हैं, ये आँसू
सच तो ये है कि इंसान क़ी पहचान हैं, ये आँसू