Friday, November 19, 2010

यादों की थाह


एक पल मे बांटती है हजारों खुशियाँ,
तो नम करती हैं आँखे उसी एक पल में।
थाह नहीं यादों की,अथाह है ये यादें,
हर मोड़ पे जीवन के,बहुत कुछ देती हैं कभी,
तो बहुत कुछ ले भी लेती है यादें,
यूँ तो सफ़र बढ़ता है आगे,
अनगिनत पल छोड़ देता है पीछे,
मोल नहीं इन यादों का,
अनमोल है यादें,
यही है जो बांधे रखतें हैं,
जीवन के उस छोर से,
जिसे छोड़ आगे बढ़ जाते है हम...........

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