
जब कभी भी फूलों कि बातें होती है तो अपनी सभी उत्तरांचली लोगों को "बुरांस " कि याद जरुर आती है,बुरांस अपने मे है तो एक जंगली फूल लेकिन इसका अपना एक अलग सा अस्तित्वहै,जो वह ही संस्कृति का परिचायक भी है साथ ही बुरांस एक क्षेत्रीय संक्राति ले कर आता है जिसको पहाडों मे "फूल सक्रांति " कहते हैं, फूल संक्रांति के एक दिन पहले सभी घरों से बच्चे खूब सरे फूल इकठा कर लेते है जिसमें बुरांस का अपना अलग महत्व होता हैं. फ़िर उन फूलों से हर घर मे थोड़ा-२ फूल फैंक दिया जाता है जोबसंत का परिचायक होता है कि चारों तरफ़ फूल खिले है इसलिए हर घर के आगन मे भी फूलों को भिखेरा जाता है खुशियाँ मनाई जाती है .इसलिए बुरांस भी अपने मे पहाडों कि वो अनमोल धरोहर रुपी फूल है जो उस क्षेत्र के हर नागरिक के मन मे बसा होता है